Last updated on February 3rd, 2025 at 07:13 am
चेक बाउंस से जुड़े मामलों में अक्सर लोग कानून के दायरे में नहीं आते और इसके परिणामों से अनजान रहते हैं। लेकिन हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम चेक बाउंस केस में सख्त फैसला सुनाते हुए चेतावनी दी है कि इस तरह के मामलों में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि चेक देने वाले व्यक्ति द्वारा भुगतान नहीं किया जाता तो उसे जुर्माना, जेल या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
यदि आप भी चेक का उपयोग करते हैं या भविष्य में इसका प्रयोग करने की योजना बना रहे हैं, तो इस फैसले को जानना आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। चेक बाउंस होने पर क्या हो सकता है, और इसके कानूनी पहलू क्या हैं, यह सब इस लेख में जानें।
Cheque Bounce Case: क्या है यह और क्यों है इतना गंभीर?
चेक बाउंस उस स्थिति को कहा जाता है जब चेक पर लिखी गई राशि का भुगतान उस बैंक खाता से नहीं किया जा सकता, जिसमें चेक धारक के पास पर्याप्त धन नहीं होता। यह स्थिति न केवल चेक धारक के लिए बल्कि चेक प्राप्त करने वाले व्यक्ति के लिए भी परेशानी का कारण बन सकती है। यदि किसी के द्वारा जारी किया गया चेक बाउंस हो जाता है तो उसे न केवल कानूनी बल्कि वित्तीय दिक्कतें भी हो सकती हैं।
हाईकोर्ट का सख्त आदेश: निचली अदालत का फैसला बरकरार
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक चेक बाउंस मामले में निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए आरोपित को चेतावनी दी है कि यदि वह चेक के भुगतान में विफल रहता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस मामले में, आरोपी संजय गुप्ता ने मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट (MM) के 2019 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसे दोषी ठहराया गया था।
कोर्ट ने पाया कि संजय गुप्ता ने अपने बचाव में कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया। इस कारण से, हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया और आदेश दिया कि अगर आरोपी ने भुगतान नहीं किया तो उसे तीन महीने की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी भुगतना पड़ेगा।
क्या हो सकते हैं गंभीर परिणाम?
चेक बाउंस के मामले में जिन गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, उनमें शामिल हैं:
- जुर्माना: चेक बाउंस होने पर कोर्ट द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है। यह जुर्माना चेक की राशि से भी अधिक हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, इस मामले में आरोपी पर सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जो कि शिकायतकर्ता को मुआवजे के तौर पर दिया जाना था।
- सजा: चेक बाउंस के मामले में दोषी पाए जाने पर आरोपी को जेल की सजा भी हो सकती है। इस मामले में, संजय गुप्ता को तीन महीने की सजा सुनाई गई थी।
- कानूनी लड़ाई: चेक बाउंस के मामले में आरोपी को लंबी कानूनी लड़ाई का सामना भी करना पड़ सकता है, जो समय और पैसा दोनों की बर्बादी हो सकती है।
क्या करें यदि चेक बाउंस हो जाए?
अगर आपका चेक बाउंस हो जाता है तो सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि आपके पास एक कानूनी अधिकार है। यहां कुछ महत्वपूर्ण कदम हैं, जो आपको इस स्थिति में उठाने चाहिए:
- बैंक से संपर्क करें: यदि आपके चेक का भुगतान नहीं हुआ है, तो पहले अपने बैंक से संपर्क करें और जानें कि चेक बाउंस क्यों हुआ। कभी-कभी बैंकों के तकनीकी कारणों या अन्य वजहों से भी चेक बाउंस हो सकता है।
- नोटिस भेजें: बैंक द्वारा चेक बाउंस के बाद आपको 15 दिन का समय दिया जाता है। यदि आपको नोटिस मिला है तो इसे समय पर जवाब देना बेहद आवश्यक है। अगर आप भुगतान नहीं करते हैं तो शिकायतकर्ता आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है।
- कानूनी सलाह लें: चेक बाउंस के मामलों में अक्सर कानूनी जटिलताएं होती हैं। इसलिए आपको एक योग्य वकील से सलाह लेनी चाहिए ताकि आप सही दिशा में कदम उठा सकें।
हाईकोर्ट का फैसला: क्या हो सकते हैं अगले कदम?
दिल्ली हाईकोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, वह चेक बाउंस से संबंधित मामलों में कड़े कदम उठाने की आवश्यकता को दर्शाता है। यदि आपने किसी को चेक दिया है और वह बाउंस हो जाता है, तो आपको तुरंत कानूनी कदम उठाने चाहिए। अगर अदालत ने भुगतान करने का अवसर दिया है और फिर भी कोई कदम नहीं उठाया, तो आपको गंभीर कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
इस मामले में संजय गुप्ता ने बैंक से लोन लिया था और इसके बदले में चेक दिया था, जो कि बाउंस हो गया। उच्च न्यायालय ने यह देखा कि आरोपी ने अपनी स्थिति को साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किया, और इसी वजह से निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा।
निष्कर्ष
चेक बाउंस के मामलों में अगर कोई व्यक्ति कानूनी रूप से दोषी पाया जाता है तो उसे सजा और जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। हाईकोर्ट का यह सख्त आदेश एक चेतावनी है कि चेक बाउंस जैसी स्थिति से हमेशा बचने की कोशिश करें। इस मामले में कोर्ट ने आरोपी को भुगतान करने का मौका देने के बाद भी न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की बात कही है।